Saturday 17 October 2015

अब थार में भी बेटियों के प्रति बदलनें लगी मानसिकता

गणपत चौधरी
बायतु:अब थार में भी बेटियों के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न होने लगी है|लोग पहले बेटी को घर का बोझ समझते थे लेकिन अब लोगो में इनके प्रति सहज भाव पैदा हुए है|उपखण्ड मुख्यालय के खोखसर पश्चिम गिडा़ क्षेत्र की लाधुदेवी 23वर्ष पत्नी जसराज सियाग ने दो बेटियों के बाद नसबन्दी का अॉपरेशन करवाकर लोगो में बेटियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न की है|लाधुदेवी मात्र 5 वीं पास है एवं उसका पति जसराज अनपढ है फिर भी लाधुदेवी ने बेटीयों को स्वर्ग का मार्ग बताया और नसबन्दी करवा दी|लाधुदेवी के बडी़ बेटी तरूणा 4-5 वर्ष एवं छोटी बेटी ममता 7 माह की हे लाधुदेवी बताती है कि मैने अपनें पति को प्रोत्साहित किया कि बेटियों को पढा लिखा कर शुखी जीवन देने का संकल्प लिया ज्यादा बच्चे होने से कई प्रकार की परेशानीयां आती है उनके पालन पोषण में कई सारी कठिनाईयां अाती है लाधुदेवी एवं उनके पति को प्रेरित करने में जी.एन.एम.प्रकाश पंवार का विशेष सहयोग रहा है सर्जन डॉ.जोगेश कुमार चिकित्साधिकारी गिड़ा ने लाधुदेवी का नसबन्दी का ऑपरेशन किया
     "बालिका सम्बल योजना एवं गांव की ज्योति योजना के तहत प्रोत्साहन राशि एवं जिले व राज्य स्तर पर सम्मानित करवाने की अनुशंसा परिवार कल्याण विभाग से करेंगे डॉ.जोगेश कुमार चिकित्साधिकारी गिड़ा"

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