Saturday 9 April 2016

कोटा,यूआईटी ने दिव्यांग रमेश सैन का बूथ तोड़ा,रोजी रोटी छिनी रोड़ पर लाकर छोड़ा


जगदीश सैन पनावड़ा
कोटा. मेरे दोनों पैर काम नहीं करते, लेकिन मैं किसी पर आश्रित नहीं होना चाहता। खुद कमाकर अपना व परिवार का पेट पालना चाहता हूं। इसलिए 2010 में मैंने यूआईटी, निगम, डेयरी की परमिशन के बाद सरस बूथ लगाया। अब तक इसमें दो बार चोरी हो चुकी है। सारा माल चाेरी  हो गया, लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। 
सारा सामान गायब मिला
Displaying IMG-20160409-WA0012.jpgआज यूआईटी सुबह 4 बजे आई और सरस बूथ तोड़ गई। सुबह मैं पहुंचा तो सरस बूथ चकनाचूर और सारा सामान गायब मिला। अब मैं क्या करूं? पहले बोल देते, मैं दूसरी जगह व्यापार करने लगता। मेरा सामान और सरस बूथ तो सेफ रहता। उधार लेकर दुकान में 2 लाख का माल भरा था, अब क्या होगा? मैं भीख मांगकर नहीं खा सकता, यह मेरे उसूलों के खिलाफ है। 
यूआईटी ने परमिशन नहीं होने की कही बात

यह पीड़ा है रंगबाड़ी निवासी दिव्यांग रमेशचंद सेन की। नगर-निगम ने रामचरण सर्किल के पास उसे 6 मई 2010 को सारी कार्रवाई के बाद विकलांग कोटे में सरस बूथ (एनओसी नंबर-राजस्व/10/170) अलॉट किया। शुक्रवार को यूआईटी दस्ता वहां जाकर सरस बूथ तोड़ आया। यूआईटी का कहना है कि यह दुकान हमारी सीमा में है और हमने कोई परमिशन नहीं दी। जबकि यूआईटी की जमीन पर भी हमेशा से निगम की परमिशन देता आया है, यूआईटी कोई परमिशन नहीं देती। इधर, राष्ट्रीय सेन समाज संघ कोटा के अध्यक्ष रविकुमार सेन व राजकुमार सेन ने चेतावनी दी है कि अगर यूआईटी इस तरह गरीबों पर अन्याय करेगी और इसे दूसरी गुमटीे अलॉट नहीं की गई तो समाज आंदोलन करेगा।
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