Tuesday 1 September 2015

नरेगा कार्यस्थलो पर नियोजित होंगे प्रशिक्षित मेट

बाड़मेर, 01 सितंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रशिक्षण मेट नियोजित करने के साथ इसके चयन एवं नियोजन को लेकर राज्य सरकार ने संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए है जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम का मुख्य उददेश्य ग्रामीण परिवारो को प्रत्येक वर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने के साथ नियोजित परिवारो  को पूरी मजदूरी दिलाना है। इसको प्राथमिकता से लेते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने नरेगा योजना मंे मेटो  के चयन में  संशोधित निर्देश जारी किए है। इसके तहत मेटों का चयन कार्यक्रम अधिकारी स्तर पर किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक राजस्व गांव से चार मेट जिसमें  दो पुरूष एवं दो महिला मेट हो, का पैनल विज्ञापन जारी कर ग्राम पंचायतवार प्रार्थनापत्र कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में  प्राप्त किए जाएगे। पूर्व में नियोजित एवं प्रशिक्षित मेटो  को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।जिला कलक्टर ने बताया कि प्राप्त आवेदन पत्रो को ग्राम पंचायतवार छंटनी कर मैरिट के आधार पर वरियता अनुसार मेटो का पैनल तैयार करने के निर्देश दिए गए है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में  कम से कम 16 मेटो का पैनल जिसमें कम से कम 8 महिलाओ को शामिल करते हुए तैयार करने को कहा गया है। प्राप्त आवेदन पत्रो में से अंतिम पैनल प्रधान पंचायत समिति की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इसमें विकास अधिकारी एवं कार्यक्रम अधिकारी सदस्य होंगे। मेटों के चयन के समय उसके पंचायतीराज संस्था के निर्वाचित जन प्रतिनिधि से प्रत्यक्ष संबंध नहीं होने का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। पुरूष मेट की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं कक्षा उत्तीर्ण एवं महिला मेट भी सामान्यतया दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए। ऐसी महिलाएं नहीं मिलने पर क्रमशः आठवीं एवं पांचवी कक्षा उत्तीर्ण महिलाओ  को भी मेट बनाया जा सकता है। संबंधित गांव में  उपयुक्त संख्या में अभ्यर्थी नहीं मिलने पर ग्राम पंचायत मुख्यालय के गांव के अभ्यर्थी को पैनल में  रखा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि न्यूनतम 10 से 40 श्रमिको पर एक तथा 40 से अधिक श्रमिक होने पर अतिरिक्त एक मेट को नियोजित किया जा सकता है। मेट के चयन में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले चयनित परिवारो के सदस्यो  विधवा परित्यकता अथवा एकल महिला, विकलांग, अनुसूचित जाति जन जाति के सदस्य, पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग को प्राथकिता देने के निर्देश दिए गए है। नियोजित मेट के खिलाफ शिकायतें प्राप्त होने अथवा कार्य असंतोषजनक होने पर कार्यक्रम अधिकारी बिना किसी नोटिस के मेट को हटा सकेंगे। साथ ही उसका पद स्थापन अगले एक वर्ष के लिए नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने मेटों के क्षमतावद्र्वन के लिए प्रत्येक तिमाही में विस्तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करने के निर्देश दिए है।


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