Thursday 3 September 2015

केयर्न इंडिया कम्पनी से स्थानीय लोगो की समस्याओ का हो समाधान -बालाराम मूढ़

बाड़मेर।  बाड़मेर जिले की आॅयल फिल्ड एमपीटी, ऐश्वर्या, भाग्यम, रागेश्वरी के स्थानीय लोगों की मांगे जिसके बारे मे समय-समय पर सांसद , विधायक  एवं प्रशासनिक अधिकारीयो के ध्यान में लाया गया  परन्तु अफसोस  इनकी जायज मांगे लम्बे समय से लम्बीत है उस पर केयर्न इण्डिया व उससे सम्बन्धित कम्पनीयो के अधिकारियो के कान पर जू तक नहीं रंगी , इस सम्बन्ध में 1 अगस्त से सैकड़ो लोग धरने पर बैठे  इसके अलावा रागेश्वरी में सैकड़ो सुरक्षाकर्मी कुछ मांगो को लेकर धरना दिया , जो एमपीटी गेट न. 1 पर सम्मलित हुए, इनमे से पांच लोग 13 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे , जिन्होनें 22 अगस्त को केयर्न की आंशिक मांगो से हडताल तोडी। 21 अगस्त तक कोई केयर्न का अधिकारी इनसे वार्ता करने नही पहुंचा सिर्फ 3 अगस्त को प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त जिला कलेक्टर आॅफीस में वार्ता हुई वह बैनतीजा रही वहां पर यह तय हुआ कि 12 अगस्त को श्रम आयुक्त जोधपुर के समक्ष बैठक होगी जिसमे केयर्न इण्डिया के अधिकारी सम्मलित होगे जिस पर हड़ताल पर बैठे सुरक्षकर्मीयो का प्रतिनिधिमण्डल वार्ता हेतु पहुंचा परन्तु केयर्न इण्डिया का कोई अधिकारी वहां पर नही आया। श्रम आयुक्त ने यह माना की सुरक्षा कर्मीयो को वेतन घटना गलत है। इससे यह प्रतित होता केयर्न अधिकारी अपनी हठधर्मीता के चलते मनमानी कर रहे है।
स्थानीय निवासी दी चेतावनी       
 यहाँ बाड़मेर के स्थानीय निवासी जिन्होने जमीन देकर सब तरह से सहयोग शुरू से किया आज भी कम्पनी के साथ लगे हुए है परन्तु केयर्न व अन्य कम्पनीयां इनकी वाजीब मांगो की परवाह नही कर रही है, परन्तु जिला प्रशासन के आग्रह से केयर्न के आंशिक मांगे मानाने पर इन्होंने धरना स्थगित किया और अगर बाकि मांगे नहीं मानी जाती है, तो हमे प्रजातान्त्रिक तरीके से जन आंदोलन करने को मजबूर होना पडेगा । 

स्थानीय लोगों की  मांगे 

1. केयर्न इण्डिया एवं सहयोगी कम्पनीयो द्वारा स्थानीय लोगो के साथ भेदभाव- यहां पर skill-unskill लेबर उपलब्ध होते हुए भी इनको काम पे न लगाकर बाहर से लेबर को लाया जा रहा है यहां के इंजिनियर, ग्रेजुएट व डिप्लोमा होल्डर को अनुभव के आभाव के बहाने नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके स्थान पर बाहर के लोगो को लगाया जा रहा है उदाहरण के तौर पर Wipra Infotech मे 90-100 तकनीकि अधिकारी कार्यरत है ये सभी ज्यादातर बाहर के है इसमे 25-30 ऐसे पद है जो लोकल व लैण्ड लूजर को लगा सकते है, लेकिन नही लगाया गया है ।
2. CEC युवाओ प्रषिक्षण देने बाबत - जब राजस्थान सरकार और केयर्न के बिच समझौता हुआ तब यह तय हुआ था कि यहां पर एक बड़ा प्रषिक्षण केन्द्र खोल कर स्थानीय युवओं तकनीकि षिक्षा प्रदान कर रोजगार दिया जायेगा परन्तु बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि यहंा पर प्रषिक्षण नही के बराबर दे रहे है इसके अलावा यदि किसी को प्रषिक्षण देते है तो कहते है कि रोजगार हेतु बाहर भेजेगे। कम वेतन के चलते बाहर जाकर नौकरी नही कर पाते इस तरह हमे बहाना बनाकर हमे वचिंत रखा जा रहा है। 
3. भाई-भतीजावाद को बढावा देकर स्थानीय बेरोजगारों के साथ भेद-भाव - केयर्न इंडिया एवं सहयोगी कम्पनियां के अधिकारीयों द्वारा  विभिन्न पदों पर अपने परिवार वालों और रिश्तीदारों को नियुक्त दे रहे है। अधिकारी स्थानीय लोगो के साथ भेद-भाव कर अन्य राज्यों के लोगों को नौकरी दे रहे है, जिनकी स्थानीय बेरोजगारों से कम योग्यता है, जबकि स्थानीय युवाओं के आवेदन इन कंपनियों में कई समय से लंबित पडे है। 
4. वर्षा से प्रदुषित केमीकल युक्त पानी के खेतो मे जाने से भूमी की उरर्वरा शक्ति एवं फैल रही बिमारीया -इसमें स्थानीय लोगों ने मांग रखी थी कि वर्षा की वजह से Waste Pit (डीग्गी) जो कच्ची बनी हुई है जिससे आए दिन एमपीटी, भाग्यम, एष्वर्या एवं रागेष्वरी मे किसानो के खेतो मे केमिकल युक्त प्रदुषित पानी जा रहा जिससे भूमी की उरवर्रा शक्ति खत्म हो रही है तथा किसान विभिन्न प्रकार के रोगो से ग्रस्त हो रहे है, इस सम्बन्ध हमारे सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी द्वारा दिनांक 18 फरवरी 2015 को एक पत्र सीएसआर हैड को भी लिख गया था जिसका भी कम्पनी अधिकारीयो द्वारा गोल माॅल जबाब दिया गया है तथा किसानो को कोई राहत नही मिल पाई है किसानो के खेत एवं फसल बर्बाद हो रही है। इस सम्बन्ध मे रागेष्वरी मे किसानो के खेत मे केमीकल युक्त पानी डालने पर किसानो द्वारा पुलिस को षिकायत कि परन्तु कोई कार्यवाही नही होने पर इस सम्बन्ध किसानो द्वारा जिला पुलिस अधिक्षक बाड़मेर को भी अवगत करवाया गया था। आस-पास के स्थानियों लोगों की हालात बहुत £राब है।
5. केयर्न इण्डिया,स्थानीय जनप्रतिनिधि एंव जिला प्रषासन की बैठक - जैसा की आप जानते है कि पूर्व मे केयर्न अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि (MP, MLA) एवं जिला प्रषासन की बैठक हर माह जिला स्तर पर आयोजित की जाती थी जिसमें स्थानीय लोगो एवं कम्पनी प्रषासन के मुद्दो एवं प्राप्तो षिकायतो के निस्तारण हेतु आवष्यक निर्देष कम्पनी अधिकारीयो को दिये जाते थे जिसको बंद कर दिया गया है जिसे पुनः शुरू किया जाना चाहिए। ताकी समय-समय पर स्थानीय लोग समस्याए रख सके। 
6. PF,गे्रजुऐटी के भुगतान करने के बाबत - जैसा की आप जानते है PF व गे्रजुऐटी जिसका भुगतान होनो चाहिए परन्तु कम्पनी द्वारा इसका भुगतान नही किया जा रहा है उदाहरण के तौर पर 133 सुरक्षा कर्मीयो का भुगतान केयर्न इंडिया की सहयोगी कम्पनी एच.डी.बी. द्वारा नही किया गया है जिसकी कार्य अवधि भी समाप्त हो गई है। इस प्रकार के कई मामले लम्बित है।
7. स्थानीय छोटे ठेकदार (लैण्ड लूजर) को काम नही देना - यह देखा गया कि लोकल छोटे ठेकेदार जो ज्यादातर कम पढे लिखे है कुछ ऐसे काम है जो लोकल व लैण्ड लूजर काम कर सकते है परन्तु बाहर से ठेकेदार लाकर लगा दिये गये है। इसमे कुछ ठेकेदार ऐसे है जो कांग्रेस सरकार के समय से बड़े नेताओ के कहने से ठेके व अन्य काम दिये गये है तथा यह 10-15 साल से लगातार काम कर रहे है।  
8. किराये पर छोटी व बड़ी गाड़ीय व अन्य उपकरण - इसमे यह Personal Carrier Vehcile, Buses व अन्य मषीनरी इत्यादि जो लगाते वह ज्यादातर बाहर जोधपुर आदि जिलो से लगाया गया है जो सरासर गलत है इनको हटाकर स्थानीय लैण्ड लूजर को दिया जावे। यह भी देखा गया है कुछ लोग जो सक्षम है जो किराये की गाड़ीया व अन्य उपकरण कम्पनीयो को उपलब्ध करवा सकते है परन्तु कम्पनी द्वारा बाहरी लोगो के वाहन लगाये जा रहे है।

9. CSR फण्ड खर्च - CSR फण्ड की राषी आॅयल फिण्ड की 5 किमी परिधी मे खर्च किया जाना चाहिए परन्तु कम्पनी भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार खर्च नही किया जार रहा है इस सम्बन्ध हमारे सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी ने 22 अपै्रल को एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी केयर्न इण्डिया को लिखा परन्तु कोई कार्यवाही नही हो पाई है। CSR फण्ड भ्रष्ट  तरीके से अन्य जगह खर्च कर रहे है, जहा खर्च किया जा रहा है वह कोई काम नहीं हुआ है। CSR अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है,  इसकी निष्पक्ष जांच कराइ जाए।
10. भुमी आवाप्ति भुगतान- केयर्न इण्डिया द्वारा अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के निर्वहन हेतु किसानो से वेलपेड एवं पाईप लाईन हेतु जमीन आवाप्त की गई थी परन्तु उसका न आवाप्ति राषी मीली न ही कोई किराया दिया गया है। 
11. भ्रष्ट अधिकारी - केयर्न इण्डिया CSR मे ऐसे कई भ्रष्ट अधिकारी कार्यरत है जो स्थानीय एवं लेण्ड लूजर से दृुव्यवहार करते है तथा बाहरी लोगो से मोटी रकम लेकर गाड़ीया व अन्य उपकरण सम्बन्धित कम्पनीया को उपलब्ध करवाते है तथा कई गाड़ीयो वे पिछे उनका कमीषन तय कर रखा है इसमे विषेषकर एमपीटी एवं रागेष्वरी मे कार्यरत है। 
12. रॉयल्टी की हिस्सा राशि बाडमेर जिले के विकास कार्य में खर्च करने बाबत- यहाँ के लोगों ने अपनी माँ रूपी जमीन कंपनी दी है, जिस पर इतना बडा प्रोजेक्ट स्थापित हुआ है, जिससे केयर्न इंडिया और सरकार को अरबों रुपयों की आय हो रही है। अतः इसमें से कुछ प्रतिशत हिस्सा राशि बाडमेर जिले को देने की योजना बनाये जिससे यहाँ पर विकास कार्य करवाये जाए।

पूर्व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, बालाराम मूढ़ ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिख कर केयर्न इंडिया से स्थानीय लोगो की समस्याओं से अवगत करवाया व कारवाही की मांग की। 

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