Tuesday 29 September 2015

दादा ब्रह्मसर बुलाई दे आवन री मारी मर्जी



बाडमेर 29 सितम्बर। भाद्रवा पुर्णिमा के पावन अवसर पर कुषल दर्षन मित्र मण्डल की ओर सेे 1 दिवसीय बाड़मेर-ज्ैासलमेर से लौद्रवपुर-ब्रह्मसर दादा गुरूदेव दर्षन यात्रा का आयोजन किया गया। कुषल दर्षन मित्र मण्डल के राजू वडेरा व कपिल मालू ने बताया कि सोमवार पूनम के उपलक्ष में बाड़मेर,लौद्रवपुर, ब्रह्मसर तीर्थ की यात्रा करायी गयी। मालू ने बताया कि संघ बाड़मेर से रवाना होकर प्रातः 10 बजे लौद्रवपुर तीर्थ पहुंचा जहां पाष्र्वनाथ दादा के दर्षन कर पूजा अर्चना की गई और मनोकामना पूर्ण करने वाला कल्पवृक्ष,अधिष्ठायक नागदेवता,प्राचीन रथ सहित अधिष्ठायक घंटाकर्ण महावीर देव व दादा गुरूदेव के दर्षन वंदन का लाभ लिया। इस अवसर पर षान्ती स्नात्र महापूजन का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय कलाकार प्रकाष पारख एण्ड पार्टी ने पूजन में पाष्र्वनाथ दादा के भजनो की प्रस्तुतियां देकर झुमने पर मजबुर कर दिया। पूजन के पष्चात संघ लौद्रवपुर से ब्रह्मसर की ओर प्रस्थान कर गया। गुरूभक्त पुखराज म्याजलार ने बताया कि दादा जिन कुषलसूरी गुरूदेव के चरण पादुकाओं के आगेें महापूजन का आयोजन किया गया। पूजन के दौरान सूरत से आये गायक राजू पारख द्वारा प्रस्तुत भजन दादा ब्रह्मसर बुलाई दे आवन री मारी मर्जी एवं अषोक बोथरा दारा पूनम का है दिन दादा आज थाने आणो है भजन पर भक्त जमकर झुमे। षाम को तीर्थकर विमलनाथ भगवान और दादा जिनकुषल गुरूदेव की आंगी रचाई गई तथा गुरूदेव का सामुहिक इक्कतीसा का पाठ का आयोजन हुआ।

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