Saturday 30 January 2016

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ पर विशेष जागरुकता शिविर आयोजित


बाड़मेर । जिला मुख्यालय पर अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोतरा के तत्वावधान में श्रीमान् एल.डी. किराडू, अध्यक्ष महोदय, ताल्लुका विधिक सेवा समिति  (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1), बाड़मेर के मार्गदर्शन में श्री जितेन्द्र कुमार, प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारी द्वारा दिनांक 30.01.2016 को पुलिस लाईन स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बाडमेर में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ विषय पर विशेष जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
उक्त विधिक साक्षरता शिविर में बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए लिंगानुपात में बढ़ रहे अंतर के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए बाच्चियों को गर्भ में ही भ्रूण परीक्षण करवाकर गर्भपात कराने एवं भू्रण का लिंग परीक्षण कारावास से दण्डनीय अपराध होना एवं जुर्माने से भी दण्डनीय अपराध होना बताते हुए, भू्रण का लिंग परीक्षण कराने के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी होने पर इसकी सूचना तत्काल नजदीकी पुलिस थाने में दी जानी चाहिए तथा भू्रण का लिंग परीक्षण करने वाले चिकित्सक की बरखास्तगी भी संभव है।
कन्या गर्भपात का मुख्य कारण अशिक्षा होना तथा बच्चियों एवं महिलाओं को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं यथा- बच्चियों को स्कूलों में मुफ्त शिक्षा, छात्रवृति, सरकारी नौकरियों में प्राप्त होने वाले लाभ, अन्य सहायता आदि की जानकारी का अभाव होना बताते हुए, बालिकाओं को उन्हें सरकार से प्राप्त होने वाली विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं से अवगत कराया गया तथा यह भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने घरों में, मौहल्ले में एवं परिचितों को उक्त बातों से अवगत कराकर तथा उन्हें समाज में इस संबंध में बात करके, भू्रण का लिंग परीक्षण कारावास से दण्डनीय अपराध होना बताते हुए, उन्हें जागृत कर इस अपराध को रोकने हेतु प्रेरित करें तथा उनसे सहयोग प्राप्त करें।
कानून में 21 वर्ष के लड़के व 18 वर्ष की लड़की की शादी का प्रावधान है, इससे कम उम्र में शादी करना कानूनी जुर्म है। बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता के साथ ही पंडित, मौलवी, हलवाई, टैंट मालिक सहित समारोह में किसी भी तरह से शिरकत करने वाले सभी लोगों को दोषी माना जाता है तथा ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही व सजा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बाल विवाह एक कुरीति है तथा यदि किसी को जानकारी मिले तो वो इसकी सूचना सम्बन्धित थानाधिकारी, सरपंच, गा्रम सेवक एवं प्रशासन को इसकी सूचना दे सकते है तथा उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। बाल विवाह में उपस्थित होने से पूर्व वर वधु की उम्र का पत्ता करना चाहिए तथा नाबालिग होने की स्थिति में विवाह में शामिल नहीं होना चाहिए।
बच्चियां हमारे समाज का भविष्य है, अतः बच्चियों को खूब पढ़ाएं एवं खूब बढ़ाएं तथा नाबालिग बालिकाओं का यौन शोषण से संरक्षण का कानून (पोक्सो एक्ट) के बारे में जानकारी देते हुए बच्चियों का यौन शोषण, नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करना, उन्हें बुरी नजर से घूरना, उनका पीछा करना इत्यादि पोक्सो अधिनियम के तहत कठोर कारावास से दण्डीय अपराध होना बताते हुए, सभी से ऐसा अपराध न करने की अपील की एवं बच्चियों के संरक्षण के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या महोदया श्रीमती दुर्गा आचार्या, विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं ताल्लुका विधिक सेवा समिति, बाडमेर के कनिष्ठ लिपिक श्री महेन्द्र सिंह राजपुरोहित भी उपस्थित रहें। शिक्षक श्री भोजराज मंगल द्वारा विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया।

No comments:

Post a Comment