Wednesday 18 May 2016

जनता के स्वस्थ के साथ हो रहा हे खुलेआम खिलवाड़

रिपोर्टर @ इन्द्र बारुपाल 9413292488
बाड़मेर। शहर में आज कल कई प्रकार की पैकिंग में खाद्य सामग्री ग्राहक को दूकानों पर आसानी से उपलब्ध हो रही है। जिससे ग्राहक को खाद्य सामग्री एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने में आसानी रहती है। ग्राहक भी दुकानदार के विश्वास पर इन वस्तुओं को खरीदकर उपयोग में लेते है। जबकि कई बार ग्राहक यह नहीं देखते कि सामग्री कितने दिन पुरानी है और इसकी उपयोग करने की अंतिम तिथि क्या है। इन दुकानदारों द्वारा ग्राहक तक अपने ब्राण्ड की पहंुच बढाने के लिए अपनी फर्म के नाम से खाद्य सामग्री को डिब्बा बंद पैकिंग कर बाजार में जगह-जगह कई दुकानों पर अपनी फर्म व ब्रांण्ड के नाम का बोर्ड चस्पा कर उतारा जाता है ताकि ग्राहक को खाद्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाय एवं खरीदने के लिए दूर तक भटकना ना पड़े। इन्हीं ग्राहकों के विश्वास को देखते हुये दुकानदार चंद रुपये बचाने की आड़ में ग्राहक के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जो ग्राहकों के विश्वास के साथ एक धोखा है।
इसी तरह शहर की स्टेशन रोड पर स्थित ब्राह्मण लॉज होटल द्वारा गाय के दूध से निर्मित अपनी प्रसिद्द केशर पिस्ता माखनिया लस्सी को ग्राहकों तक अपने ब्रांण्ड की पहंुच बढाने के लिए आजकल डिब्बा बंद पैकिंग सुविधा शहर भर में जगह-जगह दुकानों पर उपलब्ध करवाई जा रही है। लोग इसे बड़े चाव से खाते है और खिलाते है। 
हम बात कर रहे है अगर कोई डिब्बा बंद पैकिंग में खाद्य सामग्री का सामान होता है तो उस पर हमेशा उसकी उत्पादन तिथि, उपयोग की अंतिम तिथि और अधिकतम मुल्य एवं उसका वजन लिखा होना जरूरी होता है। ये जानकारीे आपको हर डिब्बा बंद पैकिंग पर अंकित मिलेगी, ताकि ग्राहक को पता चले की ये कितने दिन पुरानी है और कितने समय तक इसको उपयोग में लिया जा सकता है और इसका अधिकतम मुल्य क्या है। 
लेकिन यहाँ हो रहा है ग्राहकों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ क्योकि ब्राह्मण लॉज द्वारा डिब्बा बंद पैकिंग में मिलने वाली लस्सी पर न तो कोई उत्पादन तिथि, ना ही उपयोग की अंतिम तिथि, ना ही अधिकतम मुल्य और ना ही उसका वजन दर्शाया गया है देखा जाए तो इनके द्वारा डिब्बा बंद पैकिंग खाद्य सामग्री में जो ये तथ्य नहीं लिखे जा रहे है वो कानूनन गलत है। 
अगर देखा जाये तो हर दुकान पर उपलब्ध होने के कारण कई दुकानों पर इस डिब्बा बंद पैकिंग लस्सी की रोज इतनी खपत नहीं हो पाती जिससे वह खराब पड़ जाती है। इस कारण नुकसान से बचने के लिए कई बार दूकानदार कई दिनों पुरानी डिब्बा बंद लस्सी भी ग्राहक को दे दी जाती है। मान लो अगर इन दुकानों पर इस डिब्बा बंद लस्सी के उपयोग से अगर किसी की सेहत के साथ खिलवाड़ होता है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा।
जब हमारे संवावदाता ने इस मामले को लेकर ब्राह्मण लॉज होटल मालिक से बात की तो होटल मालिक द्वारा कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि हम अभी ट्रायल ले रहे है, कि बाड़मेर शहर में हमारे ब्राण्ड की कितनी खपत होती है और वैसे भी आजतक आपने सुना है क्या की कोई व्यक्ति दही खाने से मरा है।

इनका कहना-

डिब्बा बंद पैकिंग खाद्य सामग्री में प्रोडक्ट के उपर उसकी उत्पादन तिथी, अंतिम तिथि, अधिकतम मुल्य, उसका वजन ये अंकित करना आवश्यक है अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो यह कानूनन गलत है। इस मामले की हमारे द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद कार्यवाही की जायेगी।

-भूराराम गोदारा

खाद्य निरीक्षक, बाड़मेर

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