Wednesday 11 May 2016

हे राम वन्य जीवों की प्यास कौन बुझाये

सरूप प्रजापत
हे राम वन्य जीवों की प्यास कौन बुझाये . ..
> लू,गर्मी में वन्यजीवों का बुरा हाल
> सरूपाराम प्रजापत.हीरा की ढा़णी| उपखंड मुख्यालय बायतु क्षेत्र के रेतीले धोरों में विचरण करनेवाले वन्यजीवों का गर्मी व लू में बूरा हाल है जो अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की बुंद- बुंद के लिए भटक रहे है पर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वन्य जींवों के पानी की व्यवस्था के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है | 
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> भटक रहे पानी के लिए धोरों में विचरण करने वाले वन्य जीव .....
> वन्य प्रैमीयों का कहना है कि लोमडी, खरगोश, हिरण, नील गाय आदि रैतीले धोरो व वन विभाग क्षैत्र मे विचरण करते  व प्यास बुझाने के लिए दर - दर भटकते देखा जा सकता है | 
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> कार्मिक खुद प्यास बूझाने के लिए पानी की बोतल साथ मे रखते है फिर वन्य जीवों की प्यास तो कैसे बुझ पायेगी-----
> मजेदार बात यह है कि वन विभाग के कार्मिक भी जब वन विभाग क्षैत्र में वन्य जीवों की रक्षा करने के उद्दैश्य को लेकर निगरानी के लिए चक्कर निकालते है तो साथ में खुद की प्यास बुझाने के लिए पानी की बौतल हाथ में ऱखते है उसी से अपनी प्यास बुझा पातै है |
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> कार्मिक भी परेशान --
> वहीं जब कभी हिरण , मोर, तीतर, लोमडी़ आदि वन्य जीवों का शिकारी शिकार करता है तो सुचना पर कार्मिक को मौके पर पहुंचने के लिए  घर की जैब ढिली कर वाहन से पहुंचना  पड़ता है |
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> वन्य जीवों के लिए पानी का जुगाड़ न विभाग न ही प्रशासन कर रहा है ----
> रैतीले धोरों मे विचरण करने वाले  वन्य जीवों के लिए पानी की व्यवस्था न विभाग कर रहा है न ही प्रशासन जिससे यह जीव प्यास बुझाने के लिए राम के भरोसे ही है | 
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> धोरों में बनी हेदियों में जलापुर्ती ठप--- 
> दस साल पुर्व जलदाय विभाग की होदियों में पानी पहुंचता तो यह जीव रात के समय पशु खैलियों मे से पानी पिकर अपनी प्यास बुझा पाते पर अब  तो पशु खैलियां पानी ठहरने योग्य ही नहीं है न ही ढा़णियों मे बनी होदियों में पानी पहुंचता है ,तो प्यास बुझाने के लिए वन्य जीवों  को प्यास बुझाने का सपना ही है | -------------------------
> जिला प्रभारी मंत्री गोयल ने ली जानकारी...
> इधर जिले के प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने मरू लोमडी़ के संरक्षण के बारे में वन विभाग के अधिकारीयों से कलेक्ट्रैट कांफ्रैस हाल में जानकारी ली तथा शुंभकर
> मरू लोमडी़ के पोस्टर का विमोचन किया|
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> पानी की व्यवस्था के लिए वन विभाग को निर्दैश देने की मांग......
> वन्य जीव प्रैमीयों का कहना है कि राज्य सरकार ने इन जीवों को बचाने के लिए कार्य करने के निर्दैश दिए थे पर वन विभाग ने रेतीले धोरों व वन विभाग क्षैत्र में विचरण करने वाले वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी की व्यवस्था तक नहीं की | जो इस भिष्ण गर्मी व लू में वन्य जीवों पर भारी पड़ रही है पर जिम्म्दार उचित कदम नहीं उठा रहा है | --------+-----------------------
> गंभीरता से उठाए इस समस्या को ....
> अगर प्रशासन व जिला  प्रभारी मंत्री गंभीरता से वन्य जीवों की प्यास बूझाने की हिम्मत दिखाए तो कुछ राह आसान हो सकती है तथा वन्य जीवों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए भामाशाह, संस्था, समाज सेवी, वन्य जीव प्रैमी आगे आये |
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> जागरूकता के अभाव में बढ़ रही है समस्या....
> ग्रामीण इलाकों में वन्य जीवों को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कोई प्रचार - प्रसार या कोई जानकारी तक लोगों को नहीं दी जाती है | जिससे प्रतीत हो रहा है कि जागरूकता का अभाव है तथा वन विभाग की अनदेखी है, ऐसा नहीं की प्रशासन को ध्यान नहीं |

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