Thursday 18 February 2016

बायतु विधायक कैलाश चौधरी का राहुल गांधी पर दिया गया बयान बेहद ही निम्न स्तर का एवं लोकतंत्र के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है गोपा राम मेघवाल

रिपोर्टर : सुनील दवे समदड़ी
बायतु विधायक कैलाश चौधरी का राहुल गांधी पर दिया गया बयान बेहद ही निम्न स्तर का एवं लोकतंत्र के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है।
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये इस तरह के अव्यवहारिक बयान देना भाजपा नेताओं की फितरत रहा हैं।
एक चुने हुये जनप्रतिनिधि के तौर पर उन्हें बहुत संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिये।
राजनीति का स्तर इतना भी नहीं गिराना चाहिये कि आप अपने प्रतिद्वंदी को फांसी पर चढाने की बात करें।
विपक्ष के नाते सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना किसी भी प्रकार से राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में नहीं आता हैं।

राहुल गांधी जी जेएनयू कैम्पस में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों के समर्थन में नहीं बल्कि दलितों, गरीबों एवं आदिवासियों को उनका हक दिलाने की बात कहने वाले, देश की मौजूदा व्यवस्था को लेकर बुनियादी सवाल उठाने वाले निर्दोष विध्यार्थियों को प्रताङित करने के प्रकरण के संबंध में गये थे।

जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार का भाषण पूरे देश ने सुना हैं। उन्होनें गरीबों, दलितों और मजदूरों को उनका हक दिलाने की बात कही हैं।

इस संबंध में आईबी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कन्हैया कुमार पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाना जल्दबाजी में लिया गया निर्णय हैं।

सरकार इसलिये विध्यार्थियों को राष्ट्रद्रोही साबित करना चाह रही हैं क्यों कि विध्यार्थियों ने आरएसएस की नीतियों पर सवालिया निशान खङा किया हैं। देश में बुनियादी मुद्दे पर चर्चा करवाने की बात कही हैं, जो आरएसएस की विचारधारा के विरूद्ध हैं और इसीलिये सरकार आरएसएस के एजेंट की तरह कार्य कर रही हैं।

और जहां तक राष्ट्रद्रोहियों को समर्थन का मुद्दा है तो भाजपा और बायतु विधायक को इस संबंध में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी अपना रूख स्पष्ट करना चाहिये। क्यों कि छद्म देशभक्ति का नाटक करने वाली भाजपा ने जम्मू कश्मीर में कश्मीर की आजादी की बात करने वाली पीडीपी से गठबंधन कर सरकार बनाई।

बीजेपी का मातृसंगठन आरएसएस राष्ट्रगान एवं राष्ट्रध्वज के संबंध में भ्रामक प्रचार कर आपतिजनक बयान देते हैं। क्या राष्ट्रीय प्रतीकों के इस अपमान के लिये उन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा नहीं होना चाहिये?

और क्या राष्ट्रपिता गांधी जी की हत्या करने वाले गोडसे का महिमामंडन करने वालों पर राष्ट्रद्रोह का मामला नहीं बनता हैं ? क्या धर्म के नाम पर दंगे करवाकर नरसंहार करने वालों पर राष्ट्रद्रोह का आरोप नहीं लगना चाहिये?

देशभक्ति का नकाब ओढकर भाजपा और उनके लोग देश को बांटने और सौहार्द बिगाङने की यह घिनौनी हरकतें बंद करें।

केवल सता एवं देश में अशांति फैलाने के लिये झूठी देशभक्ति का नाटक रचने वाले इन लोगों से राहुल गांधी जी को देशभक्ति का सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं हैं, जिनके पिता व दादी ने इस देश के लिये अपने प्राणों का बलिदान दिया हैं। 

कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी हैं और आज भी दलितों और गरीबों के हितों की लङाई लङ रही हैं और इसीलिये आरएसएस व भाजपा को हमेशा कांग्रेस पार्टी व उनके नेताओं से परेशानी रही हैं।

विधायक और उनकी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी के उपाध्यक्ष एवं करोङों कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक वक्तव्य के लिये माफी मांगे।

No comments:

Post a Comment