इंद्र बारुपाल
बाड़मेर। राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर में संदीप पुत्र श्री जेठा राम तीन साल के एनिमिया
से ग्रसित बच्चे को रक्त की कमी के चलते भर्ती करवाया गया। जहा डॉक्टर्स ने
तुरंत ए पॉजिटिव रक्त की व्यवस्था करवाने को कहा। ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव
रक्त नहीं मिलने पर परिजनों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ा। अंत में जब
उनकी कोशिशों को नाकाम पाकर उन्हें बाड़मेर रक्तदाता समूह का सहारा मिला। समूह
के संचालक ने तुरंत तत्परता दिखाई और जगदीश कुमार खत्री पुत्र श्री गोविन्द
राम आचार्यो का वास ने समय पर आकर रक्तदान कर नन्ही सी जान को जीवनदान दे
दिया। जगदीश जी अपने जीवन को मानव सेवा में अर्पित कर चुके है, उनके अनुसार वे
अपने जीवन में 77 बार रक्तदान कर चुके है। उनका होंसला और सेवा जूनून काबिले
तारीफ था। मानवता के मिशाल जगदीश जी और समूह के संचालकों ने परिजनों को भी समय
समय पर रक्तदान करने हेतु प्रेरित किया।
बाड़मेर। राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर में संदीप पुत्र श्री जेठा राम तीन साल के एनिमिया
से ग्रसित बच्चे को रक्त की कमी के चलते भर्ती करवाया गया। जहा डॉक्टर्स ने
तुरंत ए पॉजिटिव रक्त की व्यवस्था करवाने को कहा। ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव
रक्त नहीं मिलने पर परिजनों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ा। अंत में जब
उनकी कोशिशों को नाकाम पाकर उन्हें बाड़मेर रक्तदाता समूह का सहारा मिला। समूह
के संचालक ने तुरंत तत्परता दिखाई और जगदीश कुमार खत्री पुत्र श्री गोविन्द
राम आचार्यो का वास ने समय पर आकर रक्तदान कर नन्ही सी जान को जीवनदान दे
दिया। जगदीश जी अपने जीवन को मानव सेवा में अर्पित कर चुके है, उनके अनुसार वे
अपने जीवन में 77 बार रक्तदान कर चुके है। उनका होंसला और सेवा जूनून काबिले
तारीफ था। मानवता के मिशाल जगदीश जी और समूह के संचालकों ने परिजनों को भी समय
समय पर रक्तदान करने हेतु प्रेरित किया।
No comments:
Post a Comment