एक अप्रैल से नही मिलेंगे डोडे
प्रदेशभरमें एक अप्रैल से सेवन के लिए डोडा पोस्त बंद हो जाएगा। सरकार ने इसकी तैयारी एक साल पहले ही शुरू कर दी थी। प्रदेशभर में नया सवेरा के तहत कैंप लगाकर नशेड़ियों को नशा छुड़वाया गया। अब 31 मार्च को डोडा पोस्त बिक्री के लाइसेंस की अवधि खत्म हो जाएगी। इसके बाद प्रदेशभर की करीब साढ़े तीन सौ दुकानों पर ताला लग जाएगा। प्रदेश में एक लाख से ज्यादा डोडा पोस्त के नशेड़ी है।
सरकारके पास 31 मार्च तक ही लाइसेंस:आबकारीआयुक्त राजस्थान उदयपुर ने सभी कलेक्टर,एसपी और जिला आबकारी अधिकारी को आदेश जारी करते हुए कहा कि 31 मार्च 2016 के बाद डोडा पोस्त मानव सेवन के लिए नहीं मिलेगा। डोडा पोस्त को बेचने का सरकार के पास 31 मार्च तक ही लाइसेंस है। एक अप्रैल से प्रदेश की सभी दुकानों पर ताला लग जाएगा।
जब्तकरके जलाया जाएगा डोडा पोस्त:एकअप्रैल से अधिकृत ठेकों पर डोडा पोस्त नहीं मिलेगा। सरकार ने आदेश जारी कर सभी कलेक्टर,एसपी और आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए है,कि वे एक अप्रैल को अपने-अपने जिले में डोडा पोस्त की दुकानों पर डोडा पोस्त जब्त कर तौल के बाद जलाकर नष्ट करेंगे। जब्त से लेकर डोडा पोस्त को जलाए जाने तक विडियोग्राफी किए जाने के निर्देश दिए गए है। वहीं इसकी रिपोर्ट आयुक्त आबकारी उदयपुर को भेजनी होगी।
डोडापोस्त गोदामों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश:आयुक्त आबकारी विभाग उदयपुर ने निर्देश दिए है कि डोडा पोस्त के गोदामों से चोरी एवं लूट की गंभीर वारदातें पूर्व में भी घटित हो चुकी है। ऐसे में डोडा पोस्त को सेवन पर प्रतिबंध लगाए जाने से डोडा पोस्त गोदामों की सुरक्षा भी जरूरी है।
बाड़मेरमें 2441 परमिटधारी,12 हजार अवैध नशेड़ी:बाड़मेरमें सरकार की ओर 2441 नशेडिय़ों को सरकार ने लाइसेंस दे रखे है। वहीं करीब 12 हजार अवैध नशेड़ी है,जिनके पास परमिट नहीं होते हुए भी डोडा पोस्त का सेवन कर रहे है।
साढ़ेचार हजार नशेडिय़ों ने छोड़ा डोडा पोस्त:सरकारने नया सवेरा के तहत शिविर लगाकर नशेड़ियों को डोडा पोस्त छुड़वाया। इसके लिए जिले में 55 शिविर आयोजित हुए। एक शिविर में 35 परमिटधारी नशेड़ियों ने डोडा पोस्त छोड़ा। इस तरह कुल 1925 परमिटधारी नशेड़ियों ने शिविरों में नशा छोड़ दिया। जबकि 2500 ऐसे नशेड़ी भर्ती तो नहीं हुए,लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें दवा दे दिए वे नशा छोड़ देंगे।
हरसाल सरकार को 10 करोड़ की आय:डोडापोस्त से बाड़मेर की 22 दुकानों से सरकार को हर साल करीब 10 करोड़ रुपए की आय होती थी। 2441 परमिटधारी लोगों के लिए 154 क्विंटल डोडा पोस्त प्रति महीना सप्लाई डिमांड थी। सबसे ज्यादा नशेड़ी हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में है। इसके बाद बाड़मेर,जालोर,सिरोही,जोधपुर,जैसलमेर,नागौर सहित प्रदेश के कई जिलों में डोडा पोस्त की दुकानें है।
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