बाडमेर 14 अक्टूबर। दलित अत्याचार निवारण समिति की बैनर तले दो सूत्री मांगो को लेकर बुधवार से तालसर सरपंच एवं दुष्कर्म पीडि़ता ने क्रमिक अनशन शुरू किया। त्वरित एवं गंभीर कार्यवाही नहीं होने के विरोध में जिला मुख्यालय पर दसवें दिन धरना जारी रहा। दलित अत्याचार निवारण समिति ने जल्दी मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।दलित अत्याचार निवारण समिति के जिला संयोजक उदाराम मेघवाल की अगुवाई में मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि चौहटन
डीएसपी ने आरोपी से मिलकर उनकी मदद कर रहे है। इस मामले में बलात्कार के प्रकरण की धारा हटाई गई है। उन्हाने बताया कि अनुसूचित जाति की महिला सरपंच को अपने विधिक अधिकारो की लड़ाई के लिए क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा। पूर्व सरपंच जवानाराम, सुमित्रा देवी, रणवीरसिंह, ग्रामसेवक चेतनराम एवं रोजगार सहायक सूजाराम ने षड़यंत्र रचकर सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी करने के साथ अनुसूचित जाति की तीसरी संतान के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस संबंध में महिला सरपंच ने सेड़वा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराने के लिए आवेदन
दिया। लेकिन पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज नहीं किया। मेघवाल ने बताया कि सरपंच पुलिस अधीक्षक बाड़मेर को रिपोर्ट देकर मामला दर्ज करने का निवेदन करेगी। उन्हांने मांगे नहीं माने जाने पर महिला सरपंच द्वारा आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। उन्हांने बताया कि भाजपा राज में बाड़मेर जिले की जिला प्रमुख एवं प्रधान के साथ उनके अधिकारो को लेकर कुठाराघात हो रहा है। दलितो पर होने वाले अत्याचारो का बदला आने वाले चुनावो में दिया जाएगा। उन्हांेने मांगे नहीं माने पर आंदोलन को तेज
करने की चेतावनी देते हुए बताया कि आने वाले समय में आंदोलनको संभालना मुश्किल हो जाएगा। पुलिस प्रशासन जानबुझकर हमारे अहिंसक आन्दोलन व दलितो को भडकाने पर तुली हुई है। जिससे अम्बेडकर वादी मिशन के लोग किसी भी सूरत मे बरदास्त नही करेंगें। उनके अनुसार आने वाले दिनो में मुख्यमंत्री के बाडमेर जिले के तीन दिवसीय दौरें के दौरान जहां भी मुख्यमंत्री का भ्रमण कार्यक्रम होगा। वहां पर दलित महिलाओ एवं पुरूष काले झण्डे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करेगें। मेघवाल के कहा कि सम्र्पूएा मेघवाल ने बताया कि वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में राजस्थान में कानून एवं व्यवस्था चरमरागई है। और दबंगों एवं गुण्डेतत्वों ने कानूनव्यवस्था को अपने हाथ मे ले लिया है। पुलिस व प्रशासन मूक दर्शक होकर तमाशा देख रहे है। इस अवसर पर हरखाराम मेघवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मंगलाराम, मामाराम तंवर,सवाईराम, अमराराम, रामाराम, टाउराम, मूलाराम, मलकू चैहान,सग्राम तालसर, इन्द्रादेवी, वगताराम, कानाराम, किशन कागा, थानाराम,जोगराजसिंह, विरधाराम, तोगाराम समेत कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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