Monday 12 October 2015

किसान और पेड पौधो का रिष्ता एक मां ओर बच्चे के समान होता


12 अक्टूबर, 2015! एक किसान के लिए नन्हे पौधो बच्चे की भांति होते है किसान और पेड पौधो का रिष्ता एक मां ओर बच्चे के समान होता है। पौधो की
रोपाई से लेकर उसकी देखरेख करना, सीलना, खाद देना, पर्याप्त धूप देना, कीटों से बचाव के लिए समय पर दवा का छिड़काव करना ताकि पौधा अच्छे से पनप सके इसलिए जिले में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली भारत सरकार से प्रायोजित नर्सरी की
स्थापना स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गांव आटी में आयोजित प्रषिक्षण में कृशि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डाॅ0 प्रदीप पगारिया ने कही। साथ ही उन्होने
बताया कि स्वयं सहायता समूह जिले में एक प्रकार का अभिनव प्रयोग किया जिससे प्रथम

वर्श में ही समूह की महिलाओं द्वारा अनार, बेर, गोंदा, निम्बू, पपीता आदि तैयार कर आय अर्जित की इसी दिषा में समूह द्वारा नर्सरी को काजरी जोधपुर से जोड़ गया है ताकि पूरे संभाग में कहीं पर पौधों की मांग होने पर पूर्ति की जा सके।इसी अवसर पर वैज्ञानिक बुधाराम मोरवाल ने नर्सरी में तैयार देषी बेर में शीर्श कलिकायन विधि की प्रायोगिक जानकारी प्रदान करते हुए नर्सरी में सब्जियों की पौध तैयार करने की विधि बताई।सुपरवाईजर ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना बाड़मेर जैसलमेर एवं जोधपुर जिलों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वित्तीय सहयोग से संचालित की जा रही है। पूंजाराम ने स्वयं सहायता समूह की विषेशता बताते हुए बताया इस वर्श इस नर्सरी में दस हजार पौधे तैयार किये गये।

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