Friday 5 August 2016

धन से अधिक मानव कल्याण की भावना होनी चाहिएः



बाड़मेर। ‘जीवन में धन को कभी अधिक महत्व नहीं देना चाहिए। आज है कल नहीं, लेकिन धन के चक्कर में मानवता कभी नहीं छोड़नी चाहिए। मानव व जीव कल्याण ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। जीवन के हर कष्टो  से बचना चाहते है हो प्रभु स्मरण ही एकमात्र साधन है।’ यह प्रवचन साध्वी सत्यसिद्धा गिरी ने गुरूवार को बाड़मेर -शहर के आॅफिसर काॅलोनी-ंलक्ष्मी नगर स्थित मनोकामना पूर्ण महादेव मंदिर में वात्सल्य सेवा केन्द्र, बाड़मेर व शिव शक्ति महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय ‘नैनी बाई रो मायरो व शिव महापुराण’ कथा के शुभारंभ अवसर पर कही। कथा के वाचन में परम पूज्य साध्वी ऋतम्भरा जी की शिष्या साध्वी सत्यसिद्धा गिरी ने कहा कि भगवान ने प्रकृति की रचना करके सभी जीव जन्तुओं, मानव कल्याण के लिए रास्ता प्रश्यात  किया है, लेकिन इंसान अपने लोभ लालच में आकर मानव कल्याण में रोड़ा बन रहा है। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रकृति व  में बाधक बनना चाहे लेकिन
सृ-िुनवजयट उसे एक क्षण भर में मिटा देती है। उन्होंने भगवान के प्रति नरसिंह जैसे भक्त की आवश्कता प्रतिपादित की।शिवशक्ति  महिला मंडल अध्यक्ष उर्मिला चौहान ने बताया कि
कथा में बाड़मेर प्रधान पुष्पा  चौधरी मुख्य यजमान रही। वहीं डिस्काम के पूर्व अधीक्षण अभियंता ओ.पी. चंडक, साध्वी सत्यागिरी,मूलाराम जाणी, किशन गौड़, लखसिंह भाटी, पुखराज माथुर,गजेन्द्र रामावत, सचिव लहरी भाटी, अध्यक्ष  रेखा राव, उपाध्यक्ष सुशीला सोनी, रमेश  ईन्दा, प्यारेलाल गौड़, गोविन्द भाटी सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने कथा श्रवण की। कथा का उदेश्य आॅफिसर काॅलोनी स्थित मनोकामना मंदिर का विकास करना व वात्सल्य केन्द्र से जुड़ी सनाथ बालिकाओं के सहयोगार्थ की जा रही है।

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