Wednesday 3 August 2016

सांसद ने बाड़मेर में सैनिक विधालय खोलने की रखी माग


बाडमेर/ - संसद के मानसुन सत्र में नियम 377 के तहत क्षेत्र में सैनिक विधालय खोलने की माग रखते हुए सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि मैं जिस क्षेत्र के निर्वाचित होकर आता हूॅ यह क्षेत्र भौगौलिक रूप से विकट है और आर्थिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में बहुत की पिछडा हुआ है। जिसका भौगोलिक क्षेत्र क्षेत्रफल 56779 वर्ग किमी एवं जनसंख्या 3273660 हैं। साक्षरता एवं शिक्षा के आकडे देखे तो देश मे जालोर के बाद दुसरा जिला बाडमेर एवं जैसलमेर है जो शिक्षा में पिछडे है। बाडमेर एवं जैसलमेर जिले का लगभग 560 किमी की अन्तराष्टीय  सीमा पडौसी देश  पाकिस्तान से लगती है। इतिहास गवाह है कि राजस्थान की धरा वीरप्रसूता है यहां से कई वीरा योद्धा  पैदा हुए है। वर्तमान में देश  की थल, नभ एवं वायुेसना में इसे क्षेत्र के कई सैनिक सेवारत है। और कई सेवानिवृत सैनिक एवं उनकी विधवा है। जैसलमेर   एवं -झुंझनु  जिले में सर्वाधिक सैनिक है। इसमें हमारे प्रदेश के सैनिक स्कूल चितौडगढ  का मुख्य येागदान है। मेरा निवदेन यह है कि बाडमेर और जैसलमेर से वर्तमान में 3700 पूर्व सैनिक, 1045 सैनिको की विधवाऐं एवं लगभग 25 से 30 हजार सैनिक देश की विभिन्न सैनाओं में वर्तमान में सेवारत है। बाडमेर, जालीपा , जसाई, हमीरा, जैसलमेर में आर्मी के कैम्पस है, डाबला, बाडमेर ,जैसलमेर में बी एस एफ के कैम्पस है। इसी के साथ उतरलाई एवं जैसलमेर में एयरफोर्स के स्टेशन है। इन सभी स्थितियों केा देखते हुए यहां के युवाओं एवं उनके अभिभावकों की भावना रहती है कि उनके बच्चों को सैनिक की शिक्षा दिलवाई जावे। फिसले लम्बे समय से बाडमेर जिले में चितौडगढ  जैसा सैनिक विधालय  खोने की मांग की जा रही है। सैनिक विधालयो का संचालन का आर्थिक भार प्रदेश की सरकार वहन करती है। प्रधानमन्त्री जी एवं रक्षा मन्त्री से है कि बाडमेर जिले में पर्याप्त संसाधनों एवं मांग को ध्यान में रखते हुए एक सैनिक विधालय स्वीकृत  करावे ताकि शिक्षा में पिछडे इस क्षेत्र के बच्चों को देश सेवा के साथ ही रोजगार परक शिक्षा मिल सके।

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