गणेश जैन फलसूण्ड़
फलसुण्ड ।गरीब के पेट की आग बुझाने वाले बाजरे के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं। संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि गरीब आदमी का खाद्यान्न बाजरा गेहूं से भी महंगा हो गया है। सोमवार को बाजरे का भाव प्रति क्विंटल रिकॉर्ड 2200 रुपए तक पहुंच गया। बीते सात दिनों में बाजरा का भाव 250 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा है। वहीं गेहूं का भाव 1800 रुपए से 1950 रुपए के बीच लम्बे समय से स्थिर है। सोमवार को भी गेहूं का भाव यही रहा। बाजरा के भावों में यह चौंकाने वाली बढ़ोतरी इसलिए भी है कि एक माह पहले यही बाजरा 1600 से 1700 रुपए प्रति क्विंटल बिका, लेकिन बाजरा उत्पादक गुजरात व मरुधरा में बारिश की बेरुखी ने बाजरे के भावों को रिकॉर्ड उछाल पर पहुंचा दिया है।
इसलिए अचानक बढ़े भाव
बाजरा का अधिकतर उत्पादन गुजरात व राजस्थान में होता है। जबकि बाजरा की सर्वाधिक खपत राजस्थान (मुख्यत: पश्चिमी राजस्थान) में होती है। मानसून से पहले राजस्थान में बाजरा की मांग बढ़ जाती है, जिसकी आवक गुजरात से होती है। जानकारों की मानें तो गुजरात व राजस्थान के बाजरा उत्पादक क्षेत्र में इस वर्ष अब तक मानूसन की बेरुखी को भांपते हुए गुजरात व राजस्थान के बड़े व्यापारियों ने लाखों क्विंटल बाजरा का स्टॉक कर दिया है। जबकि बाजार में बाजरा की मांग बढ़ गई है। यही वजह है कि अचानक बाजरा के भाव गेहूं से भी अधिक हो गए हैं।
प्रतिदिन 1500 क्विंटल का उठाव
जैसलमेर जिलों की आबादी करीब 1500 लाख है। जिसमें शहरी आबादी महज दो लाख है। शेष ग्रामीण आबादी का मुख्य खाद्यान्न बाजरा है। इन जिलों में मानूसन से ठीक पहले प्रतिदिन 2500 क्ंिवटल बाजरा का उठाव होता है। इसमें से 1000-1200 क्विंटल बाजरा का उठाव बाड़मेर व जैसलमेर की मुख्य मण्डियों के मार्फत होता है। वहीं गौण मण्डियों व सीधे गुजरात से रिटेल व्यापारियों के मार्फत 1200-1300 क्विंटल बाजरा का उठाव होता है।
अब आगे क्या
इस बार अभी तक बारिश ही नहीं हुई है। लेकिन समय पर बारिश होती है, तब भी राजस्थान में बाजरे की पैदावार सितम्बर माह में आती है। तब तक बाजरा खाने वाले राजस्थान के लोग गुजरात से आने वाले बाजरे पर निर्भर रहते हैं। बाजरा के स्टॉक व मानसून की बेरुखी यदि ऐसे ही रही तो आने वाले दो-तीन महीनों में बाजरा खाना और महंगा हो जाएगा।
बीते पांच वर्ष की स्थिति
वर्ष बाजरा के भाव
2012 1000-1200
2013 1200-1300
2014 1300-1400
2015 1200-1600
2016 1600-2150
(बाजरा के यह भाव प्रति क्विंटल में है)
पहली बार ऐसा हुआ है
यह पहली बार है कि बाजरा के भाव गेहूं से ज्यादा हो गए हैं। बीते पांच वर्षों की बात करें तो गेहूं के भाव 1600 से 1900 रुपए के बीच स्थिर है। लेकिन बाजरा का भाव पांच वर्ष पहले 1000 रुपए था, जो अब दुगुुने से भी ज्यादा 2200 रुपए पर पहुंच गया नेमीचन्द चैपड़ा अनाज के व्यापारी फलसूण्ड़
No comments:
Post a Comment