Saturday 2 July 2016

व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य आवयश्क बांके बिहारी



बाड़मेर। ‘व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य जरूर होना चाहिए। वह दुनियां में किसलिए पैदा हुआ ? किसके लिए पैदा हुआ ? इसकी जानकारी के लिए भगवान व गुरू का सहारा लेकर मर्म को जानना आवयश्क है। जो लोग यह मर्म नहीं जान पाते वे जीवन भर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। ’यह प्रवचन शनिवार को लक्ष्मी नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान बाल व्यास श्री बांके बिहारी ने दिए।उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए विश्व  कल्याण की कल्पना करना बहुत मुश्किल  है, लेकिन श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान से यह संभव है। उन्होंने कहा कि संत व फकीर तो हमेशा भगवान की भक्ति में मौज करते है, लेकिन गृहस्थ जीवन के लिए यह थोड़ा मुश्किल है। संगठक प्रभुदयाल -शार्मा ने कथा में सेवानिवृत जज मांगीलाल गौड़, एडवोकेट राउराम चौधरी, पार्षद  अमरसिंह, पुखराज माथुर, मूलाराम जाणी, प्यारेलाल गौड़, नरसिंगाराम गौड़, भूराराम गौड़, किशन गौड़, प्रभूचौधरी सहित कई श्रद्धालुगणों ने श्रीमद्भागवत कथा की आरती कर पूजा अर्चना


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