Sunday 3 July 2016

शब्बे कद्र की 27वीं रात जन्नत की राह आसान: हाफिज अहमद



बाड़मेर। शब्बे कद्र की 27वीं रात में जो मुसलमान दिल से सजदा करता है, खुदा उसके सारे गुनाहों को मगफिरत फरमाकर जन्नत में राह आसान कर देता है। रमजान का महिना रहमत, बरकत और जहन्नम से आजादी का पैगाम देता है।इंसानियत के प्रति प्यार, मौहब्बत और भाईचारे का दुसरा नाम है रमजान।
ईमान रमजान के पाकीजा माह में मूसल यानि मजबूत होता है। खुदा की बारगाह में हर मुसलमान अपने गुनाहों की माफी मांगकर खुद को खुदा के सम्मुख समर्पित कर देता है। यह बात बासनी के खास मुकर्रिर हाफिज अल्लामा खुर्शीद अहमद साहब ने माहे रमजान मुबारक की सबसे बड़ी बरकतों वाली रात शब्बे कद्र की 27 वीं रात को जामा मस्जिद में कही। इस अवसर पर जामा मस्जिद में हजारों की तादात में मौमीन भाईयों-ंबहिनों का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं उल्माओं द्वारा नात-ंउचयए-ंउचयपाक, तकरीर, जिक्र, सलातो-ंउचयसलाम व मगफिरत की दुआएं पेश की गई।इस अवसर पर जामा मस्जिद के शाही पेश इमाम हाजी मौलाना लाल मोहम्मद सिद्धिकीने कहा कि अल्लाह ने माहे रमजान में कुरान शरीफ को नाजिल किया और
दुनिया के लोगों को इल्म और तहजीब की रोशनी के साथ हिदायत का पैगाम दिया। इस रात की एक-ंएक घड़ी सलामती ही सलामती है। खुदा द्वारा इस रातमें मुसलमानों के सारे गुनाह माफ कर दिये जाते है।
तराबीह में उमड़े रोजेदार: इस अवसर पर बासनी हाफिज खुर्शीद अहमद व हाफीज अब्दुल रहमान अजमेरी की इमामत मंे तराबीह अदा करने व रोजे रखने की नीयत से सैकड़ों मौमीन भाईयों ने शिरकत की। हाफिज द्वारा माहे

रमजान में कुरान शरीफ की तिलावत पूर्ण करने पर आम मुस्लिम समाज द्वारा नजराना पेश किया गया।

,
देर रात तक चला दुआओं का सिलसिला: शब्बे कद्र की रात में सलातोंतस्बीह की नमाज में सैकडो नमाजियों ने शिरकत खुदा का जिक्र किया। पेश इमाम मौलाना हाजी लाल मोहम्मद द्वारा हजारों हाथों ने खुदा की बारगाह में हैरतअंगेज दिल हिला देने वाली दुआ मांगी जो वक्त शहरी तक चली और मुसलमान भाई रो-ंरोकर अपने मुल्क की खुशहाली,अमनो-ंउचयअमान, बाडमेर शहर के भाईचारे इत्यादि की कामनाएं की।
प्रोग्राम ए शहरी में उमड़े रोजेदार: सयोजक अबरार मोहम्मद ने बताया कि मोमीन ब्रदर्स मंच आम मुस्लिम समाज की ओर से शब्बे कद्र की 27वीं रात पर रोजेदार मोमीन भाईयों के लिये प्रोग्राम ए शहरी का आयोजन कियागया। सैकड़ों की तादात में मोमीन भाईयों ने शहरी की नियत कर रोजे रखे।
स्नेहमिलन कार्यक्रम का हुआ आयोजन: यहां के लोगों में जाति व धर्म से पहले इंसानियत का धर्म ज्यादा महत्व रखता है। रोजा इफतार पार्टी व स्नेह मिलन जैसे आयोजनों से इंसानियत का रिश्ता मजबूत बनता है। बाड़मेर की कौमी एकता विश्व के लिये एक उदाहरण है। यहां का आपसी भाईचारा,

साम्प्रदायिक सौहार्द्ध, अमनो-ंउचयअमान बहुत ही निराला है। कोई भी व्यक्ति हिन्दु-ंमुस्लिम के भाईचारे को तौड़़ नहीं सकता। यह बात लोकप्रिय विधायक मेवाराम जैन ने माहे रमजान पर्व के अवसर आयोजित ‘‘रोजा इफ्तार पार्टी एवं स्नेह मिलन समारोह’’ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। वहीं इस अवसर पर हिन्दु-ंमुस्लिम भाईयों ने एक साथ रोजा इफतारी की तथा मुस्लिम भाईयों को रमजान माह की मुबारकबाद पेश की। ये रहे मौजूद: मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के सदर मोहम्मद मंजूर कुरेशी, नायाब सदर हाजी गुलाम नबी खिलजी, सचिव अब्दुल रशीद, खजांची युसुफ खां कोटवाल, प्रचार मंत्री शाह मोहम्मद, जाकीर नियारगर, बच्चु खां कुम्हार, अलीशेर राठौड़, मुख्तियार नियारगर, शाह मोहम्मद कोटवाल, रफीक
खिलजी, हाजी गुलजार कुरेशी, मुबारक मीरासी, जमील लौहार, हारूण कोटवाल,अबरार मोहम्मद, हाजी गुलाम रसूल कुरेशी, हाजी दीन मोहम्मद, युसुफ च-सजयवा,युसुफ खां हालोपोतरा, इनायत नौहड़ी, मौलवी मीर मोहम्मद, कारी मुख्तियार, पूर्व सदर नजीर मोहम्मद, मोहम्मद रफीक कुरेशी, उमराव मोहम्मद
शेख, हाजी दीन मोहम्मद, हाजी गफुर खां खिलजी सहित सैकड़ो की तादात में मोमीन भाईयों ने शिरकत की।

No comments:

Post a Comment