गणपत सारण
खेमाबाबा के नाम भजन संध्या आयोजित
बायतु
क्षेत्र की बायतु चिमनजी ग्राम पंचायत के अकदडा़ रोड़ पर स्थित धोरे वाली खेजड़ी नाम से प्रसिद्ध खेमाबाबा के मन्दिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया | खेमाबाबा के भजनों पर भक्तों के जयकारों से धोरे को गुंजायमान कर दिया | कलाकारों द्वारा ''ओ खेमाबाबा धणीं धारणें वाला, आवणों पडे़ला थानें आवणों पडे़ला, आज तो धराऊ नें धोरा धुन्धला'' जैसे कई भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रृद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया | खेमाबाबा के भजनों पर भोपों ने ताजणों के साथ नृत्य किया | वार्ड पंच ओमप्रकाश काकड़ नें बताया कि कई वर्ष पुर्व क्षेत्र में बारिश नही होने से अकाल की स्थिति बन रही थी उस दौरान गाँव के लोगो ने खेजड़ी के नीचे बैठकर इंद्र देव व खेमाबाबा को मनाने के लिए जागरण का आयोजन करवाया गया | इस दौरान खेजड़ी से बाजरे की वर्षा होने लगी और उसी शाम को मूसलाधार बारिश भी हुई जिस सुकून के बाद यहां प्रतिवर्ष श्रावण माह की पंचमी को रात्रि जागरण का आयोजन किया जाता है इसी दिन को इंद्र देव मेहरबान होते है और क्षेत्र में बारिश की बूंदों से किसानो को राहत मिलती है | इस परम्परा के बाद इंद्र देव को खुश करने के लिए इस जागरण आयोजन किया जाता है,जिसमे भजन कलाकारों द्वारा बारिश के लिए मेघ मल्हार गाया जाता है जो एक अनूठी परम्परा है | इस दौरान बायतु चिमनजी सरपंच भंवरलाल गोदारा, जोगाराम देवासी, राजेश पोटलिया, नारणाराम पोटलिया, हेमन्त सारण, राजूराम पोटलिया सहित कई भक्त जन उपस्थित थे |
Monday 25 July 2016
खेमाबाबा के जयकारों से गूंजी धोरे वाली खेजड़ी
Labels:
बायतु
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment