Wednesday 13 July 2016

जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहा रेगिस्तान का जहाज 


सरकारी कर्मचारी कर रहे हैं देखभाल 
राज्य पशु है रेगिस्तान का जहाज ऊंट

रिपोर्टर @ गणपत चौधरी बायतु

बायतु कस्बे में स्थित उपखंड अधिकारी कार्यालय की दिवार के पास बैठा एक रेगिस्तान का जहाज लम्बे समय से जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहा है | उपखंड अधिकारी कार्यालय में हर समय लोगों की आवाजाही लगी रहती है वहां से गुजरनें वाले हर व्यक्ति को ऊंट ऐसे देखता है जैसे वो लोगों से जिन्दगी की भीख मांग रहा है | पिछले लम्बे समय से घायल ऊंट की पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अजय ईसल व पशुधन सहायक सूरज देखभाल कर रहे है | घायल ऊंट के बारे में प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करवाया गया है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला | लम्बे समय से तड़प रहे ऊंट की हालत बद से बदतर होती जा रही है | यदि समय रहते ऊंट को उपचार के लिए अन्यत्र नहीं भेजा गया तो ऊंट की मौत का जिम्मेदार कौन होगा | ऊंट की दयनीय हालत देखकर यह सवाल उठते हैं कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के पास समय की कमी है या उन्हे इसकी कोई चिंता नहीं है | 

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