Monday 10 August 2015

संथारा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, लेने वालों पर होगा केस


जयपुर 10 अगस्त। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में संथारा प्रथा पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश सुनील अम्बवानी की पीठ ने निखिल सोनी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संथारा लेना आत्महत्या के समान है लिहाजा ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। दरअसल, हाईकोर्ट ने इस मामले पर विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद 23 अप्रेल को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। जनहित याचिका की ये थी दलील-निखिल सोनी की ओर से दायर हुई जनहित याचिका में कहा गया था जिस तरह सती प्रथा आत्महत्या है, उसी प्रकार से संथारा प्रथा भी आत्महत्या का ही एक प्रकार है। याचिका में संथारा प्रथा की रोक लगाने के लिए गुहार लगाईं गई थी। वहीं पक्षकारों की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया था कि जैन धर्म में संथारा प्रथा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। संथारा प्रथा को आत्महत्या या इच्छा मृत्यु की संज्ञा देना सही नहीं है। संथारा प्रथा आत्मा को पवित्र करने के लिए अंतिम तपस्या है।

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