Monday 24 August 2015

एकजुट हुआ जैन समाज,उच्च न्यायालय के फैसले का शान्तिपूर्ण विरोध किया,सौंपा ज्ञापन

संथारा पर हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में जैन समाज के हजारों लोगों का मौन जुलूस
जैन समाज ने निकाला विशाल मौन जुलूस, हजारों लोगों की उमड़ी भीड़ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री  के नाम सौंपा ज्ञापन
जगदीश सैन पनावड़ा 
बाड़मेर/बायतु । माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जैन धर्म की सदियों पुरानी परम्परा, आस्था के प्रतीक व आत्म कल्याण के मार्ग संथारा/संलेखना को आत्महत्या के रूप में पारिभाषित करने के विरोध में सोमवार को बायतु जैन समाज ने अखिल भारतीय जैन समाज के आह्वान पर जैन श्रीसंघ के बैनर तले ऐतिहासिक मौन जुलूस में अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान व काम-काज बन्द रख जैन समाज की भावनाओं व आस्था को आहत् करने वाले माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का शान्तिपूर्ण विरोध किया। 

 वही महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष राकेश जैन, जैन श्री संघ के अध्यक्ष महेंद्र चोपड़ा, भागीरथ जैन,  सहित कई गणमान्य नागरिकों की अगवाई में मौन जुलूस रवाना हुआ । जैन समाज द्वारा आयोजित विशाल मौन जुलुस समत्ता भवन से तुलसी मार्केट होते हुए पंचायत समिति होकर उपखण्ड कार्यालय पंहुचा। 

जैन समाज के मौन जुलूस में जैन समाज के सैकड़ो महिला पुरूषों ने भाग लेकर संथारा को आत्म हत्या बताने के फैसले का विरोध प्रदर्शित किया । जहां जैन समाज की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के  नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

राकेश जैन 
महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के जैन धर्म के आत्म कल्याण के मार्ग संथारा को आत्म हत्या देने सकल जैन समाज की भावनाएं आहत् हुई । सम्पूर्ण जैन में फैसले को लेकर रोष व्याप्त है । जैन समाज की धार्मिक भावनाओं पर कुठराघात हम कतई स्वीकार नही करेंगें । हमें आगे जरूरत पड़ी तो हम आन्दोलन की राह भी अख्तियार करेंगे । 

एकजुट हुआ जैन समाज 
संथारा/संलेखना को आत्महत्या के रूप में पारिभाषित करने के विरोध में सोमवार को जैन समाज के विभिन्न गच्छों, संस्थाओं, मण्डलों सहित कई अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व सदस्यों ने एकजुटता दिखाते हुए विशाल मौन जुलूस के आयोजन को सफल बनाया । मौन जुलूस में हजारों की तादाद में नागरिकों ने शिरकत की । सरकारी कर्मचारियों व वकीलों ने रखा कार्य अवकाश जैन समाज की ओर से सोमवार को मौन जुलूस व जैन समाज के प्रतिष्ठानों के बन्द के आयोजन के तहत् जैन समाज के सरकारी कर्मचारियों ने भी माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जैन धर्म की सदियों पुरानी परम्परा को आत्म हत्या बताने के विरोध में आकस्मिक अवकाश पर रहकर अपना विरोध जताया । 

जैन व्यापारियों ने रखे प्रतिष्ठान बन्द
जैन समाज के शहर व मण्डी व्यापारियों ने माननीय न्यायालय के आहत करने वाले फैसले के विरोध में अपने कारोबार व प्रतिष्ठान बन्द रख अपना विरोध जाहिर किया  । 

No comments:

Post a Comment