Wednesday 5 August 2015

राज्य पशु ऊट के संरक्षण की आवष्यकता-सांसद चैधरी


बाड़मेर 05 अगस्त। बाड़मेर-जैसलमेर- संसद के पांचवे एवं मानसुन सत्र में बुधवार को षुन्यकाल के दौरान बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी ने रेगीस्तान का जहाज कहलाने वाला ऊॅट जो किसी जमाने मे जीवनोपार्जन का क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण आधार रहा एवं आवागमन एवं वाणिज्यक कार्यो में साधन के रूप इसका सर्वाधिक  उपयोग होता था। इसी कारण इसे राज्य पषु का दर्जा भी दिया गया है। परन्तु वर्तमान में ऊटों की जो स्थिति है वह चिन्ता जनक है, दिन-प्रतिदिन ऊटों की संख्या में भारी मात्रा में कमी आ रही है। इसका मुख्य कारण उनका सही रूप से संरक्षण एवं सवर्धन नहीं होना है। यदि विभागीय आकडों का अवलोकन करे तो हेरानी होगी की जिस तरह है ऊटों की संख्या धट रही है यदि यही हाल रहे तो एक दिन यह प्रजाति विलोपित(लुप्त) हो जायेगी। इस के मुख्य कारणों में एक है कि ऊट को राजस्थान का राज्य पषु की संज्ञा तो दे दी मगर उनके संरक्षण एवं सवर्धन हेतु किसी प्रकार की गाईड लाईन जारी नहीं की थी।  भाजपा की वर्तमान वसुन्धरा राजे जी के नेतृत्व वाली सरकार ने राजस्थान ऊंट वध का प्रतिषेध (अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) विधेयक 2015 केा ध्वनी मत से पारित करवा ऊंट संरक्षण की और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपरान्त भी अभी इस दिषा में विधेयक के क्रियान्वयन हेतु कठोरता से पालन करने हेतु कार्य करना ही पडेगा। किसानों की कमजोर माली हालात, दुषित वातावरण, पषुपालन में ग्रामिणों की अभिरूचि में कमी के साथ ही पषुओं में विषेषकर ऊटों में फैल रहे संक्रमण के कारण बीमारी के कारण तीव्र गति से ऊटों की संख्या में भयंकर कमी आ रही है। जिसका उदाहरण है कि 1951 में 03.41लाख, 1961 में 5.70 लाख, 1966 में 6.64, 1972 में 07.45, 1977 में 7.92, 1983 से 7.56, 1988 से 7.19 और 1997 में 6.69लाख, 2003 में 04.98, 2007 में 4.22, 2012 में 3.25लाख थी। इस प्रकार हम देखे तो 1951 से 1966 तक संख्या में वृद्धि हुइ थी अैार 1966 से लगातार कमी आ रही है।  1972 की संख्या में ऊठ 2012 में आधे हो गये है। यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। यदि इसी प्रकार संख्या धटती गई तो एक दिन यह प्रजाति लुप्त प्राय हो जायेगी इसमें कोई सन्देह नहीं है। राजस्थान प्रदेष राज्य पषु ऊट का संरक्षण नितान्त आवष्यक है। यदि समय रहते सचेत नहीं हुए तो हमारी भावी पीढी ऊट को डाईनासोर एवं अन्य लुप्त प्रजाति की भांति चित्रों या चलचित्रों में ही देख पायेगी। मेरा विषेष आग्रह यह है कि केन्द्र सरकार केा आवष्यक वितिय सहायता प्रदान कर  राज्य सरकार के निर्देष जारी करने चाहिए कि ऊंट के संरक्षण एवं सवर्धन हेतु आवष्यक दिषा निर्देष जारी कर कारगर कमद उठाकर उनका संरक्षण एवं सवर्धन करे। साथ ही जनता में जागरूकता एवं किसानों एवं पषु पालकों में ऊट पालन हेतु रूचि पैदा करने हेतु आवष्यक कदम उठाये।

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